दोगलेपन की हद क्या है ?

दोगलेपन की हद ये है के BJP की IT सेल ट्विटर पर अपना ही लखा हुआ पोस्ट भूल गयी .. ज़रा देखिये तो सही के भाजपा ने 2011 में क्या लिखा था ट्विटर पर :
जब ओप्पोसिशन में थे तो अमित मालवीय जी ने लिखा था :
"हमारे खरीदे गए हर एक लीटर पेट्रोल का 50 प्रतिशत tax के रूप में जाता है, वक़्त आ गया है की हम इसे आम आदमी के लिए अफोर्डेबल बनाएं" : अमित मालवीय 15 जनवरी 2011
और यही जब सरकार में आये तो लिखते है :
" जब जब आप पेट्रोल खरीदते हैं, आप देश की तरक़्क़ी में योगदान देते हैं , बढ़ी कीमत कुछ समय के लिए हैं और काम होंगी": अमित मालवीय 2017
जब आप विरोध में हों तो सरकार पर इलज़ाम डालना आसान होता है, लेकिन जब आप की खुद बारी आती है तो बहाने बनाने लगते हो .
लग रहा है जैसे अमित मालवीय ने चुनाव जीतने के बाद अपनी आम आदमी की परिभाषा ही बदल ली
UPA की सर्कार को पेट्रोल की कीमतों को काबू में रखने के लिए सब्सिडियां देनी पद रही थी मगर लगता है श्रीमान मोदी जी सब्सिडियों के विरोधी हैं
